जनजातीय अस्मिता, स्वायत्ता और संस्कृति के प्रतीक है भगवान बिरसा मुण्डा :- राज्यपाल श्री पटेल

भोपाल/ राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने भगवान बिरसा मुंडा के व्यक्तित्व और कृतित्व को जन-जन तक पहुंचाने के लिये किये जा रहे प्रयासों के लिये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रयासों से प्रारंभ हुए जनजातीय गौरव दिवस के माध्यम से हमारी आजादी में जनजातीय नायक-नायिकाओं के योगदान से देश-दुनिया को परिचित कराने में मदद मिली है। अंग्रेजों से वीरता पूर्वक युद्ध करने वाले, जन-समुदाय द्वारा भगवान के रूप में पूजे जाने वाले, मुण्डा क्रांति के जनक बिरसा मुण्डा थे। उन्होंने सशस्त्र छापामार संघर्ष में बलिदानी रायन्ना, संथाल विद्रोह या हूल आंदोलन में तीर-कमान के साथ शामिल होने वाले शहीद सिद्धो संथाल, कान्हू संथाल, उनके छोटे भाई चाँद और भैरव के योगदान का भी उल्लेख किया।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी की संवेदनाएं जनजाति वर्ग के प्रति विशेष रूप से है। जनजातीय वर्ग के कल्याण के लिये उन्होंने बजट में पाँच गुना से अधिक की वृद्धि की है। पीएम जन मन योजना के माध्यम से जनजातीय वर्ग के कल्याण को नई दिशा दी जा रही है। बेगा, सहरिया सहित अन्य पिछड़े जनजातीय वर्ग के जीवन में सुधार के लिये भी विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। राज्यपाल श्री पटेल शुक्रवार को धार में भगवान बिरसा मुण्डा जयंती के अवसर पर राज्य स्तरीय जनजातीय गौरव दिवस के विशाल समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समारोह की अध्यक्षता की।

राज्यपाल श्री पटेल ने कहा प्रधानमंत्री श्री मोदी ने वर्ष 2047 तक देश को सिकल सेल जैसी घातक बीमारी से समाज को मुक्त कराने का लक्ष्य रखा है। इस प्रयास में समाज के हर वर्ग को आगे आना होगा। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे इस बीमारी के उन्मूलन के संबंध में जागरूकता के लिये विशेष प्रयास करें। समय पर जाँच होने से इस बीमारी का इलाज संभव है

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